उत्तर प्रदेश विधान पुस्तकालय

परिचय

उत्‍तर प्रदेश विधान पुस्‍तकालय की स्‍थापना सन् 1921 में ‘‘यू0पी0 लेजिस्‍लेटिव काउन्सिल लाइब्रेरी’’ के नाम से हुई थी। इसका उद्देश्‍य मुख्‍यत: तत्‍कालीन लेजिस्लेटिव काउन्सिल के सदस्‍यों की बौद्धिक आवश्‍यकताओं को पूरा करना था। शासन के उच्‍चाधिकारियों को भी पुस्‍तकालय का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी जाती थी। वर्ष 1937 में विधान मण्‍डल के द्विसदनीय हो जाने पर पुस्‍तकालय का नाम ‘‘उत्‍तर प्रदेश लेजिस्‍लेटिव असेम्‍बली लाइब्रेरी’’ कर दिया गया। उत्‍तर प्रदेश विधान सभा के पहले अध्‍यक्ष राजर्षि पुरूषोत्‍तम दास टण्‍डन ने 25 अप्रैल, 1950 को सदन में यह घोषणा की कि यह पुस्‍तकालय विधान सभा और विधान परिषद् दोनों की सेवार्थ है। अतएव इसका नाम ‘‘विधान पुस्‍तकालय’’ रहेगा। इस प्रकार इस पुस्‍तकालय का वर्तमान नाम ‘‘विधान पुस्‍तकालय’’ राजर्षि पुरूषोत्‍तम दास टण्‍डन द्वारा दिया गया है। इस पुस्‍तकालय के पुस्‍तक संग्रह का बहुमुखी विकास विशेषकर स्‍वतंत्रता प्राप्ति के उपरान्‍त हुआ और प्राय: प्रत्‍येक विषय पर पुस्‍तकें इस पुस्‍तकालय के लिये संग्रहीत की गयीं।

इस पुस्‍तकालय के सफल संचालन के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में वर्ष 1996 में इसका ‘प्‍लेटिनम जुबली वर्ष’ मनाया गया था।

सदस्यता

पुस्तकालय का उपयोग दोनों सदनों के सदस्य तथा राज्य सचिवालय के संयुक्त सचिव के समकक्ष पदाधिकारी और उनसे उच्च अधिकारी कर सकते हैं। विधान मण्डल के दोनों सचिवालयों के कमर्चारीगण भी पुस्तकालय के सदस्य हो सकते हैं। बाहरी व्यक्ति भी विशेष परिस्थितियों में प्रतिभूति जमा करने पर सदस्य बनाए जा सकते हैं। जिस अवधि में विधान मण्डल सत्र में नहीं होता है उस समय पुस्तकालय में बैठकर पढ़ने की अनुमति शोध कार्य करने वाले छात्रों को भी उनके विभागाध्यक्ष की संस्तुति प्राप्त होने पर दे दी जाती है। इस प्रकार विधान मण्डल के सदस्यों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में अन्य लोग पुस्तकालय से लाभ उठा रहे हैं।

पुस्‍तक संग्रह

विधान पुस्‍तकालय में विविध विषयों पर विभिन्‍न भाषाओं (हिन्‍दी, उर्दू, संस्‍कृत, अंग्रेजी) की पुस्‍तकें, केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकारों के प्रकाशन, संसद एवं विधान मण्‍डलों की कार्यवाहियां आदि संगृहित हैं। इस संग्रह में निरन्‍तर वृद्धि होती रहती है।

पुस्‍तकालय विधान भवन के दक्षिणी भाग में छ: मंजिलों में स्थित है, जिसमें से इस समय पांच मंजिलों का उपयोग किया जा रहा है। पुस्‍तकालय भवन के खण्‍डों का क्रम इस प्रकार है :-

प्रवेश द्वार कार्यवाही खण्‍ड
प्रशासनिक खण्‍ड
राजकीय प्रकाशन खण्‍ड
अंग्रेजी तथा उर्दू पुस्‍तक खण्‍ड
हिन्दी पुस्‍तक, पत्र-पत्रिका तथा प्रेस क्लिपिंग्‍स खण्‍ड
बेसमेन्‍ट

विभिन्‍न मंजिलों पर पुस्‍तक संग्रह की व्‍यवस्‍था निम्‍नवत् है :-

प्रशासनिक खण्‍ड

इस खण्‍ड में पुस्‍तकाध्‍यक्ष एवं मुख्‍य प्रलेखीकरण अधिकारी तथा शोध एवं संदर्भ अधिकारियों के कक्ष, शोध एवं सन्‍दर्भ कक्ष, आदान-प्रदान पटल, नवीनतम पत्र-पत्रिकाओं के अध्‍ययन हेतु वातानुकूलित वाचनालय तथा मा0 सदस्‍यों के लिये एक पृथक वातानुकूलित अध्‍ययन कक्ष भी है। इस खण्‍ड में अधिकांश संदर्भ ग्रन्‍थ रखे हैं तथा पुस्‍तकालय का कैटलाग भी यहीं है।

कम्‍प्‍यूटर केन्‍द्र

यह केन्‍द्र प्रशासनिक खण्‍ड में ही है। विधान पुस्‍तकालय के कार्यों के सुदृढी़करण हेतु विधान पुस्‍तकालय में वर्ष 1999 में कम्‍प्‍यूटर केन्‍द्र स्‍थापित किया गया है। इस योजना के अन्‍तर्गत विधान सभा से सम्‍बन्धित महत्‍वपूर्ण सूचनाओं, आंकड़ों एवं घटनाओं के डाटा बेस को तैयार करने के साथ-साथ पुस्‍तकालय के संग्रह का विवरण भी कम्‍प्‍यूटर पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस केन्‍द्र में इन्‍टरनेट सुविधा भी उपलब्‍ध है। विधान सभा सचिवालय की वेबसाइट का निर्माण भी इस केन्‍द्र द्वारा किया गया है।

कार्यवाही खण्‍ड

इस खण्‍ड में लोक सभा, राज्‍य सभा, उत्‍तर प्रदेश विधान सभा तथा उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद् की कार्यवाहियां रखी गयी हैं। भारत की संविधान सभा तथा ब्रिटेन के ‘‘हाउस आफ कामन्‍स’’ और ‘‘हाउस आफ लार्ड्स’’ की कार्यवाहियां भी इसी खण्‍ड में रखी गयी हैं।

राजकीय प्रकाशन खण्‍ड

प्रशासनिक खण्‍ड के नीचे यह खण्‍ड है। इस खण्‍ड में केन्‍द्र, उ0 प्र0 तथा अन्‍य राज्‍यों के उपयोगी प्रकाशन संग्रहीत हैं, जिसमें समितियों के प्रतिवेदन, सरकारी विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन, आयोगों के प्रतिवेदन, जनगणना रिपोर्ट, बजट साहित्‍य तथा अन्‍य विभागीय प्रतिवेदन सम्मिलित हैं। इस खण्‍ड में मा0 सदस्‍यों के लिये एक वातानुकूलित अध्‍ययन कक्ष की व्‍यवस्‍था भी है।

उर्दू तथा अंग्रेजी पुस्‍तक खण्‍ड

राजकीय प्रकाशन खण्‍ड के नीचे यह खण्‍ड स्थित है। इसमें विभिन्‍न विषयों की उर्दू तथा अंग्रेजी की पुस्‍तकें संग्रहीत हैं तथा यहां पुस्‍तकों के क्रय, वर्गीकरण तथा सूचीकरण से सम्‍बन्धित कार्यालय भी है।

हिन्‍दी एवं संस्‍कृत पुस्‍तक, पत्र-पत्रिका एवं प्रेस क्लिपिंग खण्‍ड

यह खण्‍ड अंग्रेजी के संग्रह कक्ष के नीचे स्थित है। इसमें हिन्‍दी तथा संस्‍कृत की पुस्‍तकों के अतिरिक्‍त सरकारी गजट भी संगृहीत है। पुस्‍तकालय में आने वाली पत्र-पत्रिकाओं और समाचार-पत्रों की कतरनों का सेक्‍शन भी इसी खण्‍ड में है।

पुस्‍तकों के वर्गीकरण एवं सूचीकरण की पद्धति

पुस्‍तकालय में दशमलव वर्गीकरण पद्धति के आधार पर पुस्‍तकों का वर्गीकरण किया गया है तथा सूचीकरण के लिये ए0एल0ए0 सूचीकरण नियमों का प्रयोग किया जाता है। पुस्‍तकालय की ग्रन्‍थ सूची (कैटलाग) वर्णानुक्रम में व्‍यवस्थित है। अंग्रेजी, हिन्‍दी, उर्दू तथा संस्‍कृत भाषाओं के कैटलाग, कार्ड रूप में पुस्‍तकालय के प्रवेश द्वार के निकट ही आदान-प्रदान पटल के पास रखे हुए हैं। इस कैटलाग को सदैव अद्यावधिक रखा जाता है। कैटलाग को पुस्‍तक के लेखक और पुस्‍तक के शीर्षक से पृथक-पृथक क्रम में भाषावार रखा गया है। प्रविष्टियों का क्रम शब्‍दकोष के अनुसार है। केवल उर्दू कैटलाग में लेखक तथा पुस्‍तक के शीर्षक कार्ड एक साथ वर्णानुक्रम में व्‍य‍वस्थित हैं। राजकीय प्रकाशनों का कैटलाग अलग है जो उसी खण्‍ड में रखा हुआ है।

पुस्‍तकालय द्वारा क्रय की गयी नवीन पुस्‍तकों की सूची समय-समय पर ‘‘नवागत पुस्‍तकों की सूची’’ शीर्षक से प्रकाशित की जाती है और मा0 सदस्‍यों को उपलब्‍ध करायी जाती है।

पत्र-पत्रिकाएं

पुस्‍तकालय में हिन्‍दी, उर्दू तथा अंग्रेजी भाषा में विविध विषयों की लगभग 100 पत्र-पत्रिकाएं प्राप्‍त होती हैं। नवीनतम् प्राप्‍त पत्रिकाओं को पुस्‍तकालय के प्रशासनिक खण्‍ड के वाचनालय में प्रदर्शित किया जाता है। प्राप्‍त होने वाले पत्र-पत्रिकाओं की सूची पुस्‍तकालय में उपलब्‍ध रहती है।

पुस्‍तकालय में वाचनालय तथा शोध एवं संदर्भ सेवा के लिये हिन्‍दी, उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा के लगभग तीस दैनिक समाचार-पत्र मंगाये जाते हैं।

शोध,सन्‍दर्भ एवं प्रलेखीकरण सेवा

पुस्‍तकालय की शोध, सन्‍दर्भ एवं प्रलेखीकरण सेवा विशेष रूप से विधान मण्‍डल के मा0 सदस्‍यों को सूचनाएं, आंकडे़ और संदर्भ उपलब्‍ध कराने में योगदान करती है। इस सेवा के अन्‍तर्गत पुस्‍तकालय द्वारा किये जाने वाले अन्‍य कार्यों के साथ निम्‍नांकित कार्य विशेष रूप से किये जा रहे हैं :-

1-सदन में विचाराधीन विषयों से सम्‍बन्धित साहित्‍य निकालकर सदस्‍यों को उपलब्‍ध कराना।

2-सदन में विचाराधीन महत्‍वपूर्ण विषयों पर पृष्‍ठाधार टिप्‍पण (बैकग्राउन्‍ड नोट्स) तैयार करना।

3-संसदीय समितियों के विचाराधीन विषयों पर मांगे गये साहित्‍य को सदस्‍यों को उपलब्‍ध कराना।

4-महत्‍वपूर्ण विषयों पर साहित्‍य सूचियां (बिब्लियोग्राफी) तैयार करना।

5-अखिल भारतीय विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों एवं सचिवों के सम्‍मेलन की कार्यवाहियों का इन्‍डेक्‍स तैयार करना।

6-अखिल भारतीय विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों एवं सचिवों के सम्‍मेलन हेतु संदर्भ तथा पृष्‍ठाधार टिप्‍पण तैयार करना।

7-समाचार-पत्रों में प्रकाशित लेखों, समाचारों, सम्‍पादकीयों, आंकड़ों आदि की कतरनें निकलवाना तथा उनकी विषयानुसार फाइलें रखना। इस समय लगभग 150 महत्‍वपूर्ण विषयों पर फाइलें तैयार की जा रही हैं जिसमें प्रत्‍येक विषय के अन्‍तर्गत विविध समाचार-पत्रों की कतरनें तिथिवार व्‍यवस्थित हैं।

पुस्‍तकालय द्वारा सदस्‍यों के उपयोग के लिये जो सामग्री एकत्रि‍त की जाती है वह सामान्‍यता उन विषयों पर ही होती है जो कि विधान सभा व विधान परिषद् के समक्ष तात्‍कालिक कार्य से सम्‍बद्ध हो। ऐसे किसी विषय पर जो सदस्‍य जानकारी लेना चाहते हों वे शोध एवं सन्‍दर्भ शाखा में उपलब्‍ध निर्धारित प्रपत्र पर मांग कर सकते हैं। मांग-पत्र में वांछित जानकारी के संक्षिप्‍त किन्‍तु स्‍पष्‍ट विवरण के साथ-साथ इस बात का उल्‍लेख होना आवश्‍यक है कि उन्‍हें मांगी हुई सूचना किस तारीख तक उपलब्‍ध हो जानी चाहिए। जिन सन्‍दर्भों पर जानकारी प्रकाशित साहित्‍य में सुलभता से उपलब्‍ध हो सकती है, वह सदस्‍यों को तत्‍काल दे दी जाती है किन्‍तु जिस सूचना को एकत्रित और सं‍कलित करने में समय लगने की संभावना है उसके लिये समुचित समय की आवश्‍यकता होती है।

सदस्‍यों को दी गयी जानकारी जिन स्रोतों पर आधारित होती है उनका सामान्‍यतया उल्‍लेख कर दिया जाता है सदन में अथवा कहीं भी जानकारी का प्रयोग करते समय सदस्‍यों को मूल स्रोत का ही उल्‍लेख करना चाहिए न कि पुस्‍तकालय की ‘‘शोध एवं सन्‍दर्भ सेवा’’ का। सदस्‍यों को दी गयी जानकारी किसी भी रूप में प्रकाशित नहीं की जानी चाहिये। सूचनायें पुस्‍तकालय में उपलब्‍ध स्रोतों के आधार पर ही मा0 सदस्‍यों को दी जाती हैं।

पुस्‍तकालय द्वारा मा0 सदस्‍यों को उपलब्‍ध करायी जाने वाली सेवा को सुगम एवं त्‍वरित बनाने की दृष्टि से पुस्‍तकालय में रिप्रोग्रैफी मशीन की सुविधा है।

पत्रिकाओं का प्रकाशन

शोध एवं सन्‍दर्भ सम्‍बन्‍धी उपर्युक्‍त सेवाओं के अतिरिक्‍त पुस्‍तकालय द्वारा निम्‍नांकित पत्रिकाएं भी प्रकाशित की जाती हैं:-

1-संसदीय दीपिका (त्रैमासिक)

इसमें संसदीय विषयों पर लेख एवं सदन और समितियों से सम्‍बन्धित कार्य विवरण, सूचनाएं एवं समाचार प्रकाशित किये जाते हैं।

2-प्रलेख चयनिका (त्रैमासिक)

इसमें पुस्‍तकालय में प्राप्‍त होने वाली विविध पत्रिकाओं में प्रकाशित महत्‍वपूर्ण लेखों की विषयानुसार सूची प्रत्‍येक लेख के स्रोत एवं सन्‍दर्भ सहित प्रकाशित की जाती हैं।

3-समाचार दैनन्दिका (द्विमासिक)

इसमें देश एवं विदेश के महत्‍वपूर्ण संसदीय समाचारों तथा उत्‍तर प्रदेश एवं अन्‍य प्रदेशों से सम्‍बन्धित विविध समाचारों को तिथिवार संकलित कर प्रकाशित किया जाता है।

4-उ0प्र0 अधिनियम संक्षेपिका (अर्द्धवार्षिक)

इसमें उत्‍तर प्रदेश में पारित अधिनियमों को सारांश रूप में संकलित कर प्रकाशित किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त राज्‍य में लागू अध्‍यादेशों की सूचना भी इसमें दी जाती है।